* तेरी गलिया *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 18, 2014, 09:28:12 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

जब भी गुजरे
तेरी गलियोंसे हम
दरवाजे था बंद
और खिडकीमें सनम...!
कवी-गणेश साळुंखे...!
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Mumbai