मैफील

Started by kumudini, May 22, 2013, 06:36:32 PM

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kumudini

 
तृणावारी  दवांनी 
रांगोळी  रेखीयेली
ओल्या  पहाट  वेळी
मैफील  रंगलेली
गाताच  तू  मारवा
जागल्या  कळ्या कळ्या
पाचूचा  हा  गारवा
वाटतो  हवाहवा
बांधुनी  बंदिशीला
गुंफूनी  सूर  ताला
सजवूनी या  गीताला
तू  पंच प्राण  दिधले
ऐकून  ताल  ठेका 
ये  बहर  केतकीला
देण्यास  दाद  तुजला
मोगरा  फुलून  आला
एकेक  तान  तुझी
सर  होय  अमृताची
चीम्बुनिया  तयात
होती  रसिक  तृप्त
झाली  अवाक  वाणी
ऐकून  गीत  गाणी
वर्णायला  तयाला
ना  शब्द  शब्द  कोशी
                                     कुमुदिनी  काळीकर
मैफील
तृणावारी  दवांनी 
रांगोळी  रेखीयेली
ओल्या  पहाट  वेळी
मैफील  रंगलेली
गाताच  तू  मारवा
जागल्या  कळ्या कळ्या
पाचूचा  हा  गारवा
वाटतो  हवाहवा
बांधुनी  बंदिशीला
गुंफूनी  सूर  ताला
सजवूनी या  गीताला
तू  पंच प्राण  दिधले
ऐकून  ताल  ठेका 
ये  बहर  केतकीला
देण्यास  दाद  तुजला
मोगरा  फुलून  आला
एकेक  तान  तुझी
सर  होय  अमृताची
चीम्बुनिया  तयात
होती  रसिक  तृप्त
झाली  अवाक  वाणी
ऐकून  गीत  गाणी
वर्णायला  तयाला
ना  शब्द  शब्द  कोशी
                                     कुमुदिनी  काळीकर
           

केदार मेहेंदळे


मिलिंद कुंभारे


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