समंदर कि लहरोंसे..

Started by virat shinde, September 23, 2014, 11:12:44 PM

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virat shinde

समंदरकी लहरोंसे कभी
दोस्ती नही होती,
ईनसानीयत कभी
जात धर्म नाही देखती,
जिंदगी एक दर्या है
जिसमे हम कुद चुके है,
हर हाल में तैरणा है
हैराणी की कोई बात नही होती,
मुस्कीले आती रहेंगी
ठोकरे मिलती रहेंगी,
ये जिंदगी है दोस्तो
हर हाल मे जिकर रहेंगी,
गैराही ना नापते बैठो
कछवा तुम्हे हरायेगा,
जित के रास्तोंपे चलतेही
आंधेरा सामने आयेगा,
रोशणी की और दौडते दौडते
आंधेरेको भुल जायेगा,
जिना ईसीका नाम है
जिंदगी का मजा आयेगा,
इंसानीयत से जिना सिखो
तो ऐ समंरभी कुछ न कर पायेगा..