नया बसेरा......

Started by Surya27, October 27, 2014, 10:17:17 PM

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Surya27

कुछ पल का साथ होता है अपनोका
बस इक झरोखा होता है सपनोंका

कोई किसीका नहीं होता है अंत में
रूह तक नहीं होती है अपने वश में

मौत तो एक बहाना बन जाता है
हर पल तो यहाँ जलाया जाता है

मिलने के लिए तो हजारो मिलते है
पर मन के फुल कम ही खिलते है

बूंद बूंद को तरसता है सागर
जल होकर भी प्यासी नजर

कुछ भी नहीं है यहाँ तेरा या मेरा
हर दिन होता है एक नया बसेरा
................................................ सूर्या