लग्न

Started by kasturidevrukhkar, November 15, 2014, 11:03:01 AM

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kasturidevrukhkar

  सारे  घर  आनंदात  न्हाते ,
  जेव्हा  चिमुकली पाहुणी  घरात येते.
  तिची  चिमुकली  पावलं सारं  घर  व्यापतात ,
  जिवापाड  तिला  आई वडील  जपतात.

  दिवसा मागून  दिवस  जातात ,
  अन्  चिमुकली  पावलं  मोठी  होतात

  चिमुकलीच्या  लग्नाची  सुरू  होते घाई ,
  विचारात  पडतात  बाबा  अन् आई

  आईला   हवा  डॉक्टरच  जावई ,
  बाबा  म्हणतात , जावई  माझा  हवालदार  सवाई

  आई  बाबां मध्ये   भांडण  होते  सुरू ,
  आमची  बाहुली  मात्र  लागते  मनात  झुरू

  तिची  आवड  विचारत  नाही  कोणी,
  कशी  बरं  कळेल  तिच्या  ओठांवरची   बोली

  पाहून  सर्वांना   गोंधळात  मग्न,
  बाहुली  म्हणाली  ,  मला  मुळी  करायचेच   नाही  लग्न.


                                 
                             -  सौ . कस्तुरी  कुणाल  देवरुखकर .

सतिश