तुही कातिल सरकार मेरी |

Started by विक्रांत, December 04, 2014, 09:33:14 PM

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विक्रांत

नागन जैसे आँखे तेरी
प्यार भरी जहरी जहरी |
मैं दुनियाको छोड़ आया
तुही जिंदगी मौत मेरी |

बिन तेरे क्या मैं जी लू
आस प्यास तू तलाश मेरी |
बाये काँधेपे बाल रेशमी
फ़सी जिंदगी वहाँ हैं मेरी |

मेरा फैसला तेरे हाथोंमें
तुही कातिल सरकार मेरी |
बस अब और ना तडपाना
कर फैसला तू सुनले मेरी |

इतना एक एहसान कर ले
अबके झोली भर दे मेरी |
तेरे प्यार पर है नौछार
सखी जिंदगी दुनिया मेरी |


विक्रांत प्रभाकर