* देखे मैने *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, January 20, 2015, 11:03:25 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

शराफत के नकाब
उतरते देखे मैने
मासुमियत के परदे
जलते देखे मैने
मौहब्बत के बाजार
कोठेमें देखे मैने
बस कुछ कागजके
तुकडे या अपने
मतलब के लिए
देखे मैने...!
कवी-गणेश साळुंखे...!
Mob-7715070938
Mumbai