मेरा दिल चुराया तूने

Started by sanjay limbaji bansode, January 20, 2015, 06:05:36 PM

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sanjay limbaji bansode

ना जाने कब मेरा
दिल चुराया तूने
पढ़ते पढ़ते तेरी कवितायें
कब अपना बनाया तूने ! !

नादान मेरा दिल
तुझे पढ़तेही गया
चोरी छुपेही सही
तुजपे मरते ही गया !

कब तेरा निखरता
चेहरा दिखाओगी
पागल हुआ तेरे प्यार में
कब अपना बनाओगी !

प्यार के ख़यालो में रहना
अब येहि मेरा काम
ढूंढताहूँ ख़ुद को तेरी कवितांओ में
मै सुबह शाम
तू समज पायेगी या नही
ना जाने क्या होगा अंजाम !

एक ऐसा प्यार जो दिल से शुरू हुआ
बस्स उसकी दिल तक पहुँचे

संजय बनसोडे

" टिप - मित्रांनो मी हिंदीत कचा आहे काही शब्द चुकले असतील तर माफ करा "