खबर होके भी जो बेखबर नजर आता है कीसीकी नफरत का अब असर नजर आता है।

Started by Shraddha R. Chandangir, January 23, 2015, 04:48:18 PM

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Shraddha R. Chandangir

खबर होके भी जो बेखबर नजर आता है
कीसीकी नफरत का अब असर नजर आता है।

खुशियों का खजाना जो मुफ्त बाँटा करता था
अब उसका भी बेवजह इक तेवर नजर आता है।

एक लमहे की दूरी जीसे बेसबर करती थी
अब उसमें ही मुद्दतो से इक सबर नजर आता है।

आँखों मे मीठास और लफ्जो मे खुशबू थी
अब उसके ही जायके में इक जहर नजर आता है।

हीज्र से फकत ये तोहफा मीला है
दफनायी मोहब्बत का कब्र नजर आता है।

ठुकरा दीया तनहाइ मे रोनेका सीलसीला
अब उसमें भी जीनेका हुनर नजर आता है।

मुसलसल अना को जीसने दाँव पे लगा दीया
उसीमे उसका जमीर अब मयस्सर नजर आता है।
- अनामिका

हीज्र- विरह
मुसलसल- पुन्हा पुन्हा
अना- स्वाभिमान
मयस्सर- प्राप्त होणे
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sanjay limbaji bansode

मस्त

हाल बताया आपने किसी के दिल का
मस्त शब्दों में सजाया अनामिका !

Shraddha R. Chandangir

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