* जान *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, January 27, 2015, 12:34:46 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

सुलग रही थी साँसे
बहक रहे थे अरमान
पास आ रही थी वो
और निकल रही थी जान.
कवी-गणेश साळुंखे. ( GS ) .
MOB-7715070938
Mumbai