* मौहब्बत *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, March 01, 2015, 05:43:14 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

मिल जाए सबको मौहब्बत यहा
सबकी किस्मत ऐसी नही होती
जाकर देखो तुम बाग में
वहा भी हर कली नही खिलती...!
कवी-गणेश साळुंखे...!
Mob-7715070938