देखकर उसका यू मुड़जाना इक तसल्ली देगया यारोंरिश्ता तो आज भी गहरा है उसका, इस नादान से।

Started by Shraddha R. Chandangir, March 04, 2015, 02:06:18 PM

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Shraddha R. Chandangir

सालों बाद वो नजर आया कुछ इस अंदाज से
जैसे नजरें उसकी मिलगई हो किसी अंजान से।

देखकर उसका यू मुड़जाना इक तसल्ली देगया यारों
रिश्ता तो आज भी गहरा है उसका, इस नादान से।

कुछ कसमें, कुछ वादों के जो गवाह हुआ करते थे
वो ठिकाने अब नजर आते है कुछ विरान से।

जुदा होना हि मुकद्दर है, तो इक फरियाद सुनले मालिक
उसे तमाम खुशियाँ हासिल हो इस जहान से।
~ अनामिका (17 February)
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