याद हैं वो पल सारें...

Started by hrishi gaikwad, March 19, 2015, 04:58:53 PM

Previous topic - Next topic

hrishi gaikwad

याद है वो पल सारे
जो आपके सायें मैं गुजरे थे
आपकी पलकों की छांव मैं
हम भी दो पल ठहरे थे ।।

ख़ुशी से पिलाया था आपने
अपने ओठों का जाम
वरना खुद को शराबी
हम भी कभी कहलाते नहीं थे ।।

अब दिल है की मानता नहीं
अपना मुक्कदर ये अब पहचानता नहीं ।।

एक ही ख्वाहिश
छुपाये बैठे है सिने मैं
आपके ओठों का जाम
दोबारा मील न जाएँ कही ।।

लगता हैं खुदा ने
फुरसत मैं बनाया होगा आपकों ।।

कोशिश तो पूरी करतें है हम
होश मैं रहने की
कमबख्त नशा सा चढ़ जाता हैं
आपकें हुस्न को देखकर ।।

आपकीं नजाकत नें
कुछ एँसा जादू कर दिया हैं
ना जानें क्यों
होंश कहीं खों सा जाता हैं ।।

टूटकर चाहनें लगें हैं
हम आपकों
मोहब्बत सी हों गई हैं
आपकी नजदीकियों से ।।

लम्हा गुजरता नहीं
आपकें सींवा
दूर होतें हो आप हमसें तो
कुछ खों सें जातें हैं हम ।।

बाहों मैं समेंट ना
चाहतें हैं हम आपकों
हर पल सिर्फ
आपकें नाम करना चाहतें हैं ।।

दामन आंपका हमेंशा
खुशियों से भर देंना चाहतें हैं
आशिक़ है हम
दिल-ओ-जां सें
मोहब्बत करतें है आपसें ।।

सजदा हैं अब उस खुदा से
मरते दम तक
अपनी आशिकी निभाना चाहंते हैं आपसे ।।

prp1717