मुंबई ची मैत्रीण

Started by dattarajp, March 22, 2015, 10:21:02 PM

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dattarajp

मुंबई ची मैत्रीण

माझी हे मुंबई  ची मैत्रीण
मजला फार बोलायली
तिच्या मनातली सार
दुःख आज मला सांगायली

तिच्या वाटेवर सजलेले
फूलाचे रंग मला दाखवायली
तिच्या वाटेवर किती काटे
ती मोज मला म्हणायली

होते सारे काही माझ्या
पाशी आस का ती म्हणायली
माझी हे मुंबई  ची मैत्रीण
मजला फार बोलायली

तो होता सोबत  तेव्हा
सार जग तिचे होते की
आज तो गेला सोडून
म्हणून स्वताला ती  हारली की

मनात तिच्या आग किती
आज मी ते पाहिलो  की
जीवनात तिच्या त्याग
किती मी आज ओळखलो की

माझी हे मुंबई ची मैत्रीण
मजला फार बोलायली
सुख दुखाचे गणित  ती
माझ्या समोर माडायली
                      
                                 कवी
                            बबलु पिस्के
                          9623567737