* हमारी महफिल में *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, April 02, 2015, 12:27:19 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

गैरोंकी महफिल में तो
बहुत रंग जमाया तुमने
कभी हमारे महफिल में
आओ तो हम भी जाने
के कैसे कैसे किस्से
उनको सुनाए है तुमने.
कवी-गणेश साळुंखे.
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