आयुष्य एक लेणे

Started by kumudini, May 14, 2015, 04:47:56 PM

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kumudini

आयुष्य  एक  लेणे

आयुष्याचे  सुंदर  लेणे  परमेशाचे  देणे
कशास  गातसे  व्यर्थ  मानवा उगाच  रडगाणे
साद  घालीतो  गुलाब  हसरा  नजीक  येण्यासाठी
गंधित  मोगरा  सांगतसे  घे  गंधा  भरुनी
सप्त  सुरांना  आळवूनी  गाती  हिरवी  पाने
त्याच  सुरांना  साक्षी  ठेऊन  जीवन  संगीत  करणे
पहाट  वेळी  गुलाल  उधळी  प्राची  स्मित  वदने
त्यामधुनी  हळूच  डोकावी  रवी  किरणे
मलयगिरीचा  गार  गारवा  पवनाचे  देणे
मंजुळ कलरव  करुनी पक्षी  गती मधुर  तराणे
हास्य फुलांची  करीत  उधळन  मार्गा  आक्रमणे
आयुष्याला  करील सोबत  चंद्राचे  चांदणे
जेथे  जाशील  थेते  असतील  निसर्ग  नजराणे
सौदर्याच्या  उपासकाला  इथे न  काही  उणे
                                                           कुमुदिनी  काळीकर