* शेर की मौजुदगी *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, June 06, 2015, 06:35:12 PM

Previous topic - Next topic

कवी-गणेश साळुंखे

आजकल तो गली के कुत्ते भी
खुदको शेर समझने लगे है
दो-चार लडको के साथ घुमकर
खुदको बादशहा समझ बैठे है
अरे मत भुलो हमारे आते ही
पुरे जंगल में सन्नाटे छा जाते है
क्योंकी वह सारे जानते है
के यह शेर की मौजुदगी का एहसास है.
कवी-गणेश साळुंखे.
Mob-7715070938