मत अकड ऐ बारिश तेरे इंतजार में कौन रुकता हैं? जहाँ प्यास बूझ जाएँ, वहीं प्यासा झुकता हैं।

Started by Shraddha R. Chandangir, June 07, 2015, 05:46:22 PM

Previous topic - Next topic

Shraddha R. Chandangir

मत अकड ऐ बारिश तेरे इंतजार में कौन रुकता हैं?
जहाँ प्यास बूझ जाएँ, वहीं प्यासा झुकता हैं।
.
चंद लम्हो की चमक से चौकन्ना रहे तो बेहतर हैं
गफलत में तो पीतल भी सोने जैसा दिखता हैं।
.
कीमत और वक्त तो जैसे सिक्के के दो पहलू हैं
कभी कल का सस्ता आज में दुगुने दाम बिकता हैं।
.
सोच और सच्चाई को जैसे देखो वैसी दिखती हैं
पानी में तो चाँद भी अपने पास लगता हैं।
.
सुकून कोई अमीर किसी फकीर से ही सीख ले
जो जमीन के बिछौने पर आसमान से सर ढकता हैं।
~ अनामिका
[url="http://anamika83.blogspot.in/?m=1"]http://anamika83.blogspot.in/?m=1[/url]
.
[url="https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw"]https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw[/url]


Shraddha R. Chandangir

[url="http://anamika83.blogspot.in/?m=1"]http://anamika83.blogspot.in/?m=1[/url]
.
[url="https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw"]https://m.youtube.com/channel/UCdLKGqZoeBNBDUEuTBFPRkw[/url]