शायरी ...!

Started by Archana...!, July 30, 2015, 05:49:11 PM

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Archana...!

तरसता आज भी है दिल तेरी एक नजर के लिए...

गुजरे लमहों को फिर से जीने के लिए...

न जाने कौनसा तुफान आया था जिंदगी में...

कुछ बाकी ना रहा अब खोने के लिए...

अर्चना...!

विजय वाठोरे सरसमकर

wah..............wah........................
kya bat hai .........ahut badhiya ....................
archana ji