तिरंगा प्यारा

Started by sachinikam, August 05, 2015, 05:55:54 PM

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तिरंगा प्यारा - हिंदी कविता
कवी - सचिन निकम
कवितासंग्रह - मुकुलगंध
sachinikam@gmail.com
9890016825


स्वतंत्र भारत, गणतंत्र भारत, एकमंत्र भारत, न्यारा है
शानसे लहराता जो उंचा, तिरंगा जानसे प्यार है.


जुल्मका अंधेरा मिटाके, आझाद सवेरा पाया है
शहिदो के गुण गाके, हर दिल उभरकर आया है
सरहदपे लहु बहाके, विजयीध्वज कहलाया है
विविधता कितनी हो हममे, तिरंगा एकता लाया है


साहस और समर्पण, रगोमे केसरी रंग जगाता है
सत्य और पवित्रता हृदयमे, शुभ्र रंग घुल जाता है
शांती और समृद्धी मनमे, हरा रंग भर लाता है
शिक्षा धर्मकी मानवताको, चक्र अशोक सिखाता है


वतनपे मर मिटने तैयार, ये फौलादी छाती है
अतुल्य ख्याती इसकी, दशदिशाये झूम गाती है
स्वतंत्र भारत, गणतंत्र भारत, एकमंत्र भारत, न्यारा है
शानसे लहराता जो उंचा, तिरंगा जानसे प्यार है.


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https://www.youtube.com/watch?v=wrDfcFn5qhE&list=FLo4Y8zK-pEBaLtgzoYNrAcA&index=1

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