गुनाह कर कर के थक गया हूँ...

Started by Shraddha R. Chandangir, August 28, 2015, 12:57:13 AM

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Shraddha R. Chandangir

गुनाह कर कर के थक गया हूँ मालिक,
हो सके तो थोडी रजा दे दे
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रहम-ओ-करम से तेरे शर्म आती हैं,
आखिरी रहम कर अब सजा दे दे
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रखकर तुझे जुबान पे अक्सर
मैं जहन से निकाल देता हूँ तुझे
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ऐसा मैं इक फरेबी हूँ मालिक
तू जीने कि जायज वजह दे दे।
~ अनामिका
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