" स्वयं को जान "

Started by Ruchita Aglawe, August 28, 2015, 10:14:01 PM

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Ruchita Aglawe

ना कर घमंड इस शाही शरीर का
वो तो मिटटी का पुतला है
ना कर गर्व इस मन का
वो तो सदैव बदलती अवस्था है
ना कर प्यार इस संसार से
वो तो मोह माया का जाल है
ढूंड ख़ुशी अपने आप में
क्युकी सारा विश्वात्म तुझ् मे बसा है
ना बाहर ढूंड किसीको पूर्णतः के लिए
भीतर जा और जान तु स्वयं मे पूर्णतः है