वक्त और हालात भी मजबूर होते है
देखो जो सपने तो चकनाचूर होते है
दोष तो दे भी देता किस्मत को मगर
तक़दीर के पन्ने भी बेकसूर होते है
दिल तो भर चूका है जिंदगी से मेरा
अक्सर जख्म-ए-दिल नासूर होते है
मंजिल तो होती ही है खूबसूरत मगर
मंजिल के रास्ते भी जरा दूर होते है
लढ लेता "शशि" जमाने से भी मगर
उसके फैसले भी सबको मंजूर होते है
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शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र. ९९७५९९५४५०