Marathi Kavita : मराठी कविता

मराठी कविता | Marathi Kavita => Bhakti Kavita => Topic started by: विक्रांत on July 02, 2017, 12:11:28 AM

Title: ध्रुव (भ्रमणचक्रीं न भंवे | ध्रुव जैसा ॥)
Post by: विक्रांत on July 02, 2017, 12:11:28 AM
२ ध्रुव  (भ्रमणचक्रीं न भंवे | ध्रुव जैसा ॥)

फिरतेय चक्र नभी गरगर
ध्रुव असे स्थिर त्यात एक ||

मनाचे विकार अनंत विचार
दृष्ट्त्वा विसर पडू नको ||

पाहतोय कोण येवो त्याचे भान
राहो स्थिरावून जाणीव ती ||

विक्रांत क्षणिक पाहे मुग्धावून 
राहो वेटाळून रात्रंदीन ||

डॉ.विक्रांत प्रभाकर तिकोणे
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