Marathi Kavita : मराठी कविता

मराठी कविता | Marathi Kavita => Hindi Kavita => Topic started by: SHASHIKANT SHANDILE on August 21, 2017, 03:09:58 PM

Title: क़त्लेआम ~~~~
Post by: SHASHIKANT SHANDILE on August 21, 2017, 03:09:58 PM
(संदर्भ - गोरखपुर के अस्पताल की घटना)

दद्दा मेरा लाल मर गया
ये कैसा बाजार भर गया
तेरे दर पर आई थी मैं
सुनी मेरी कोख़ कर गया

तुझपे भरोसा करती थी मैं
मेरा तो विश्वास उड़ गया
अब किसकी गुहार लगाऊं
आँचल में मेरे छेद पड़ गया

सरकारें कितनी भी आये
कर्म से पीछे क्यों हट गया
तूने पढ़ी है इतनी किताबे
फिर क्यों चोरोमें बट गया

पापहि शायद मैंने करे थे
जो तू ऐसा खेल कर गया
तूने कोई कसर न छोड़ी
मौत मेरे नाम कर गया

आख़िर तुझको कमी थी कैसी
जो तेरा ईमान बिक गया
सब तुझको भगवान है कहते
तू तो क़त्लेआम लिख गया
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०