हर पल हर लमहा,
तेरा इंतजार किया है मैंने,
तुझसे दूर होकर भी,
हर गम को पिया है मैंने |
तुझसे बिछड़ कर एक पल भी,
मुझ से जिया नहीं जाता,
दर्द तो नहीं होता इस दिल को मगर,
फिर भी इन जख्मों को सोया नहीं जाता |
नहीं जानता मैं,
वह तुम थी या तुम्हारा साया था,
जो ना सो कर भी,
मेरे ख्वाबों में आया था |
इस दिल की तडप ही,
तुझ को मेरे पास लाएगी,
अगर मेरे बहते हुए अश्कों में,
तुझे तेरी तस्वीर नजर आएगी |
शैलेश मेश्राम