II मकर-संक्रांति II
लेख क्रमांक-4
--------------------
मित्रो,
आज दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार है. मकर संक्रान्तिका पुण्य -पावन-त्योहार-पर्व लेकर यह शुक्रवार आया है. बाहर ठंड है. तील-गुड के लड्डू खाकर शरीर में ऊब-गर्मी-स्नेह निर्माण हो रही है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन,कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. "तिल-गुड के लड्डू खाइये, मिठी मिठी बात बोलिये". आईए, इस पावन पर्व पर पढते है, मकर संक्रांतीपर विशेष लेख,महत्त्व, पूजा विधी,कथा-कहानी,निबंध,शुभेच्छाये,सदिच्छाये,शुभकामनाये एवं अन्य जानकारी .
भारत में मकर संक्रांति त्यौहार और संस्कृति---
भारत वर्ष में मकर संक्रांति हर प्रान्त में बहुत हर्षौल्लास से मनाया जाता है. लेकिन इसे सभी अलग अलग जगह पर अलग नाम और परंपरा से मनाया जाता है.
--उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में इसे खिचड़ी का पर्व कहते है. इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाना बहुत शुभ माना जाता है. इस अवसर में प्रयाग यानि इलाहाबाद में एक बड़ा एक महीने का माघ मेला शुरू होता है. त्रिवेणी के अलावा, उत्तर प्रदेश के हरिद्वार और गढ़ मुक्तेश्वर और बिहार में पटना जैसे कई जगहों पर भी धार्मिक स्नान हैं.
--पश्चिम बंगाल : बंगाल में हर साल एक बहुट बड़े मेले का आयोजन गंगा सागर में किया जाता है. जहाँ माना जाता है कि राजा भागीरथ के साठ हजार पूर्वजों की रख को त्याग दिया गया था और गंगा नदी में नीचे के क्षेत्र डुबकी लगाई गई थी. इस मेले में देश भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री भाग लेते हैं.
--तमिलनाडु : तमिलनाडु में इसे पोंगल त्यौहार के नाम से मनाते है, जोकि किसानों के फसल काटने वाले दिन की शुरुआत के लिए मनाया जाता है.
--आंध्रप्रदेश : कर्नाटक और आंधप्रदेश में मकर संक्रमामा नाम से मानते है. जिसे यहाँ 3 दिन का त्यौहार पोंगल के रूप में मनाते हैं. यह आंध्रप्रदेश के लोगों के लिए बहुत बड़ा इवेंट होता है. तेलुगू इसे 'पेंडा पाँदुगा' कहते है जिसका अर्थ होता है, बड़ा उत्सव.
--गुजरात : उत्तरायण नाम से इसे गुजरात और राजस्थान में मनाया जाता है. इस दिन गुजरात में पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता रखी जाती है, जिसमे वहां के सभी लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है. गुजरात में यह एक बहुत बड़ा त्यौहार है. इस दौरान वहां पर 2 दिन का राष्ट्रीय अवकाश भी होता है.
--बुंदेलखंड : बुंदेलखंड में विशेष कर मध्यप्रदेश में मकर संक्रांति के त्यौहार को सकरात नाम से जाना जाता है. यह त्यौहार मध्यप्रदेश के साथ ही बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और सिक्किम में भी मिठाइयों के साथ बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
--महाराष्ट्र : संक्रांति के दिनों में महाराष्ट्र में टिल और गुड़ से बने व्यंजन का आदान प्रदान किया जाता है, लोग तिल के लड्डू देते हुए एक – दूसरे से "टिल-गुल घ्या, गोड गोड बोला" बोलते है. यह महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए विशेष दिन होता है. जब विवाहित महिलाएं "हल्दी कुमकुम" नाम से मेहमानों को आमंत्रित करती है और उन्हें भेंट में कुछ बर्तन देती हैं.
--केरल : केरल में इस दिन लोग बड़े त्यौहार के रूप में 40 दिनों का अनुष्ठान करते है, जोकि सबरीमाला में समाप्त होता है.
--उड़ीसा : हमारे देश में कई आदिवासी संक्रांति के दिन अपने नए साल की शुरुआत करते हैं. सभी एक साथ नृत्य और भोजन करते है. उड़ीसा के भूया आदिवासियों में उनके माघ यात्रा शामिल है, जिसमे घरों में बनी वस्तुओं को बिक्री के लिए रखा जाता है.
--हरियाणा : मगही नाम से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में यह मनाया जाता है.
--पंजाब : पंजाब में लोहड़ी नाम से इसे मनाया जाता है, जो सभी पंजाबी के लिए बहुत महत्व रखता है, इस दिन से सभी किसान अपनी फसल काटना शुरू करते है और उसकी पूजा करते है.
--असम : माघ बिहू असम के गाँव में मनाया जाता है.
--कश्मीर : कश्मीर में शिशुर सेंक्रांत नाम से जानते है.
विदेशों में मकर संक्रांति के त्यौहार के नाम---
--भारत के अलावा मकर संक्रांति दुसरे देशों में भी प्रचलित है लेकिन वहां इसे किसी और नाम से जानते है.
--नेपाल में इसे माघे संक्रांति कहते है. नेपाल के ही कुछ हिस्सों में इसे मगही नाम से भी जाना जाता है.
--थाईलैंड में इसे सोंग्क्रण नाम से मनाते है.
--म्यांमार में थिन्ज्ञान नाम से जानते है.
--कंबोडिया में मोहा संग्क्रण नाम से मनाते है.
--श्री लंका में उलावर थिरुनाल नाम से जानते है.
--लाओस में पी मा लाओ नाम से जानते हैं.
भले विश्व में मकर संक्रांति अलग अलग नाम से मनाते है लेकिन इसके पीछे छुपी भावना सबकी एक है वो है शांति और अमन की. सभी इसे अंधेरे से रोशनी के पर्व के रूप में मनाते है.
--कर्णिका
----------
(साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
-----------------------------------------
-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.01.2022-शुक्रवार.