II होळी II
चारोळी क्रमांक-3
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मित्र/मैत्रिणींनो,
काल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार होता. "फाल्गुन पौर्णिमेला होलिका दहन होते. अशा परिस्थितीत होलिका दहन फाल्गुन पौर्णिमेच्या दिवशी १७ मार्च रोजी होणार असल्याने या दिवसाला छोटी होळी असेही म्हणतात." मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी, कवी-कवयित्रींनी होलिकोत्सवाच्या अनेक हार्दिक शुभेच्छा . चला तर वाचूया, या होळीच्या पर्वावर कविता, चारोळी इत्यादी.
एका एका स्वप्नांची मी मोळी केली
पोटासाठी त्या सगळ्यांची होळी केली .
भेद अजुनही वर्णाचा मिटलेला नाही
रंगपंचमी,धुळवड केली होळी केली
--©विशाल राजगुरू
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पहा ऐकले मी जनाचे परंतू, मनाच्याच रंगात मी रंगले
तरी जाहली वाटते का मनाची नव्याने पुन्हा आज धुळवड किती
--©Prajakta Gokhale -
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आठवांचा दिवसभर शिमगा असे
रोज दु:खांची असे कोजागिरी
--©रणजीत पराडकर
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पेटली होळी सुखाची
आत अंधारून आले.
--©रत्नमाला शिंदे.
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येते तशीच जाते होळी असो दिवाळी
आता इथे सणांची उरली कुठे नवाई ?
--©रुपेश देशमुख
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घराची जाहली आहेच होळी मागच्या साली
तरीही रंग होळीचे पुन्हा खेळायचे आहे
--©राधिका
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रंगपंचमी जवळी येता जखमेवरची खपली निघते
जुन्या नकोशा आठवणींची ह्रदयामध्ये होळी जळते
--©सुनंदा पाटील
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नको झालाय शिमगा नेहमीचा
तुझ्या सोबत सणाची हौस फिटली
--©स्वप्निल शेवडे
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दुःख चिंता प्रेम मत्सर यासवे लढतोस तू
रंगुनी रंगात साऱ्या कोरडा उरतोस तू
--© सुप्रिया मिलिंद जाधव
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--संकलक-जाधव महेश
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(साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-मराठी शायरी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.