"काव्यालय कविता"
कविता सुमन-7
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मित्रो,
आज पढेंगे, ख्यातनाम, "काव्यालय कविता" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "धीरे-धीरे"
"धीरे-धीरे"
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धीरे-धीरे
एहसासों की लड़ी है
ये ज़िन्दगी।
धीरे-धीरे आगे बढ़ती हूँ ―
एक एक एहसास को
सहेज कर,
समेट कर,
रखती हूँ।
वक्त लगता है।
कमरा बिखरा रह जाता है।
--वाणी मुरारका
(9 Dec 2022)
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(साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-काव्यालय.ऑर्ग/युगवाणी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.12.2022-सोमवार.