Marathi Kavita : मराठी कविता

Charolya, Ukhane, Jokes => Song,Ghazal & lavani lyrics => Topic started by: Atul Kaviraje on December 22, 2022, 09:49:57 PM

Title: लफ़्ज़ों का खेल-प्यासा-तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िंदगी से हम
Post by: Atul Kaviraje on December 22, 2022, 09:49:57 PM
                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
                                   ----------------

मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "मोहम्मद रफ़ी" की आवाज मे "प्यासा" फिल्म का गीत.

                         "तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िंदगी से हम"
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तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िंदगी से हम
ठुकरा न दें जहां को कहीं बेदिली से हम

हम ग़मज़दा हैं, लाये कहाँ से ख़ुशी के गीत
कहाँ से ख़ुशी के गीत
देंगे वो ही जो पाएँगे इस ज़िन्दगी से हम

उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवले
अभी दिल के वलवले
माना के दब गए हैं ग़म-ए-ज़िन्दगी से हम

लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उम्मीद
रिश्ता-ए-उम्मीद
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम

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तंग आ चुके हैं - Tang Aa Chuke Hain
Movie/Album: प्यासा (1957)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.12.2022-गुरुवार.