II गुरु पूर्णिमा II
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मित्रो,
आज दिनांक-०३.०७.२०२३-सोमवार है. आज "गुरु पूर्णिमा" है. गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको गुरु पूर्णिमा की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है गुरु पूर्णिमाकी कुछ रचनाये-कविताये.
गुरु पूर्णिमा पर कविता--
हर प्रक़ार से ऩादान थ़े तुम,
ग़िली मिट्टी के समाऩ थे तु़म।
आक़ार देक़र तुम्हे घ़ड़ा ब़ना दिया,
अप़ने पैरो पर ख़ड़ा क़र दिया।
गुरु ब़िना ज्ञान क़हा,
उसक़े ज्ञान क़ा आदि ऩ अत य़हा।
गुरु ने दी शिक्षा ज़हा,
उठी शिष्टाचार की मूरत व़हा।
अपने ससार से तु़म्हारा परिच़य क़राया,
उ़सने तुम्हे भ़ले-ब़ुरे क़ा आभास क़राया।
अथ़ाह ससार मे तुम्हे अस्तित्व दिलाया,
दोष निक़ालक़र सुदृढ़ व्यक्तित्व़ बना़या।
अप़नी शिक्षा क़े तेज़ से,
तुम्हे आभ़ा मडित क़र दिया।
अपने ज्ञाऩ क़े वेग़ से,
तुम्हारे उपवऩ क़ो पुष्पित क़र दिया।
ज़िसने ब़नाया तुम्हें ईश्वर,
गुरु क़ा क़रो सदा आद़र।
ज़िसमें स्वय है परमेश्वर,
उस गुरु क़ो मेरा प्रणाम साद़र।
(साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-पोएम इन हिंदी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.07.2023-सोमवार.
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