Marathi Kavita : मराठी कविता

मराठी कविता | Marathi Kavita => Hindi Kavita => Topic started by: Atul Kaviraje on October 16, 2024, 09:50:31 PM

Title: कोजागिरी पूर्णिमा: एक अनोखा पर्व
Post by: Atul Kaviraje on October 16, 2024, 09:50:31 PM
कोजागिरी पूर्णिमा: एक अनोखा पर्व-

कोजागिरी पूर्णिमा, भारतीय संस्कृति में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है, जब चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और लोग उपवास रखते हैं।

धार्मिक महत्व
कोजागिरी पूर्णिमा का नाम "कोजागिरी" संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है "क्या जाग रहा है?" इस दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। लोग चंद्रमा को देखकर उपवास करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष प्रार्थनाएं करते हैं।

पूजा और परंपरा
इस दिन, महिलाएं विशेष पूजा आयोजित करती हैं। घरों को साफ-सुथरा करके दीपक जलाए जाते हैं। विशेष रूप से इस दिन बनाए जाने वाले व्यंजन जैसे काजू, चिरोटा, चिवड़ा, और मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। रात्रि में चंद्रमा की पूजा की जाती है और परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं।

सामाजिक महत्व
कोजागिरी पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह परिवार और मित्रों के साथ एकता और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर हर्षोल्लास के साथ समय बिताते हैं। यह पर्व आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने का एक अवसर प्रदान करता है।

निष्कर्ष
कोजागिरी पूर्णिमा का पर्व हमें न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का संदेश भी देता है। यह हमें सिखाता है कि समृद्धि और खुशियों के लिए एकजुट होना कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन देवी लक्ष्मी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार हो। इस पर्व को मनाते हुए हम सब मिलकर खुशियों की नई परंपरा स्थापित करें!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.10.2024-बुधवार.
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