इसलिए मैंने ब्याह कर लिया....

Started by Surya27, October 27, 2014, 01:21:00 AM

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Surya27

हसिनावोके अंदाज कुछ ऐसे होते है....
जैसे किसी पर वो एहसान करते है..
मुस्कुराकर मूड के देखना...
चलते-चलते फिर रुक जाना...
देखती है नजरो से तिरछा...
फिर पूछना क्यों करते हो पीछा?
तुम्हे माँ-बहेन नहि है क्या?
मै कोई ऐसी-वैसी  हु क्या?
चप्पल रख कर दू क्या?
पुलिस में रिपोर्ट कर दू क्या?
डर के जब करे कोई  निकलने की कोशिश...
तो फिर खिल-खिलाकर उनका हसना....
हसते-हसते उनका यह कहना..
क्यों डर गए थे ना?
पसीने निकल आये थे ना?
बस यही है तुम्हारी मर्दानगी?
कुछ खिलावोगे-पिलावोगे नहीं?
क्यों जेब में चल रही है तंगी?
फिर बुलाएगी एक दिन तुम्हे घर पर....
मिलाएगी अपने माँ-बाप से....
सोफे पर बिठाकर मिलाएगी ठंडा शरबत..
दबा दे गी तुम्हे बनाके एहसान का परबत...
माँ-बाप उसके करेगे तुम्हे सवाल.....
क्या करते हो?
कितना कमाते हो?
हमारी बेटी को खुश रख सखोगे?
और फिर एक दिन तुम्हारे सर होगी उनकी मुसीबत.....
उनके लिए होगा वो दिन ख़ुशी का..
आएगा दिन तुम्हारी बारात का...
घोड़े पे होके सवार ....
बनके दुल्हे राजा.....
आगे बज रहा होगा बैंड-बाजा...
फिर आएगी वोह घडी...
माला पहनाएगी वो तुम्हे...
लोग बजायेंगे तालिया...
गूंज उठेगी शह्नायिया...
खिलखिलाकर दोस्त देंगे तुम्हे गालिया......
कहेंगे शेर बना फिर रहा था...
अब बन गया है चूहा..
माँ-बाप कहेंगे...
बीवी का नोकर है कलमुहा......
दिल ही दिल में तुम खुद को खुशकिस्मत समझोगे...
तुम तो फक्र से कहोगे के..
जिसको मैंने चाहा दिलो-जानसे.....
उसको आखिर पा ही  लिया....
लेकिन तुम्हारी बीवी सहेलियोसे कहेगी....
मेरे आगे पीछे कर रहा था..
तरस आया बेचारे पे.....
और अच्छा-खासा कमा भी लेता है...
इससे अच्छा गधा कहा मिलता?
इसलिए मैंने ब्याह कर लिया....

......................... सूर्या