* जरुरत नही *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, March 25, 2015, 11:41:20 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

घुटने टेककर इजहार करना
हमें कतइ मंजुर नही
आना है तो बाहोमें आ
वरना हमें भी तेरी जरुरत नही.
कवी-गणेश साळुंखे.
Mob-7715070938