जब से सोचा था दिल ने अपना

Started by Sachin01 More, May 23, 2015, 01:10:04 PM

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Sachin01 More

जब से सोचा था दिल ने अपना
तब से हो बैठा ये दिल आपका दिवाना!
कहते है सब को ऐसा कुछ नही,
पर जिंदगी मे आपके सीवा हम कुछ भी नही!
होते है खफा हररोज आपसे,
क्या बताये आपको कितना कोसते है अपने दिल से!
रोते हुए भी आप की मुस्कुराहट याद आती है,
हँसी मेँ आप की बात सताती है !
आप से रुठे तो जीना बुरा लगता है
क्या कहे कैसे ये आवारा दिल आपको क्यु रुलाता है !
सोना चाहते है आपके ख्वाब में पर आज इस दिल को हुआ क्या है,
जान है आपकी फिर भी आपको सताता क्यूं है. !!
यादो मेँ सच मे बहुत रोये है आज,
इसलिए लिखा था कागज पे खास
पर करे तो क्या
इस दिल कि बिमारी ही अलग है,
जिससे जान लगाता है साला उसी के जान के पिछे लगा है. !
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