* बेशकिमती हुनर *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, August 14, 2015, 05:58:35 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

जलती है सारी दुनिया हमसे
जबकी जेबसे हम फकिर है
क्योंकी उन्हे मालुम है के
हमारे पास बेशकिमती हुनर है.
कवी-गणेश साळुंखे.
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