दोस्ती

Started by Dineshdada, September 30, 2015, 02:18:17 AM

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Dineshdada

जाने दो भाई
मैंने ली अंगड़ाई
छोड़ छाड़ के सब
सबको दी दुआई
जब मेरी बारी आई
तो सबने दी बद्दुआई
समय आ गया अब
सबसे लू बिदाई
सबसे करके प्यार
होगी अब जुदाई
मेरा मेरा करके
सबकी की भलाई
झेल के हर आफत को
खुषिया तुमको दिलाई
क्या हुवा कसूर हमारा
हमसे नैन चुराई
दिल में सबको रखा हमने
क्यू हमारी दोस्ती भुलाई

       रचनाकार
🙏🏻दिनेश पलंग🙏🏻
   7738271854