* अब वो बात नहीं *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, October 12, 2015, 12:40:44 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

लोग कहते हैं के अब वो
बात नही रही तेरी शायरीमें
जो दर्द भर देता था तु
पहले तेरे हर एक लफ्ज में.
कवी - गणेश साळुंखे.
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