* हमारा चाँद *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, October 26, 2015, 11:50:42 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

माना के आज चाँद
पुरा है फलक पर
पर हमारा चाँद नही आया
मिलने अभीतक छत पर.
कवी - गणेश साळुंखे.
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