* रातभर जागते हैं *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, October 28, 2015, 11:41:03 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

करके तुझसे ना मिलने का वादा
हम नींद से दुश्मनी कर बैठे हैं
हो जाएगी फिर मुलाकात ख्वाबोमें
इसलिए रातभर जागते रहते हैं.
कवी - गणेश साळुंखे.
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