* वृद्धाश्रम *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 13, 2015, 03:30:59 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

क्या तुझे फुरसत नही
हमसे आकर मिलने की
वृद्धाश्रम से जाती है
चिठ्ठीयां खामोश सवालों की
क्या हमसे भी कीमती
चीज तुने हासिल की
जो तुझे याद नही
आती बुढे माँ-बाप की.
कवी - गणेश साळुंखे.
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