* कुछ खास *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 15, 2015, 01:41:30 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

सबकुछ तो है मेरे पास
फिर भी दिल क्युं है उदास
मानो कुछ छुट रहा है हाथोंसे
जैसे हो वो बहुत ही खास.
कवी - गणेश साळुंखे.
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