* शरीफ *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 24, 2015, 02:19:33 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

यारों जबतक बुरे थे हम
नजाने कितनों की पसंद थे
शरीफ क्या हुए हम
तो नफरतके काबिल बन गए.
कवी - गणेश साळुंखे.
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