* दिल सच्चा *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, November 24, 2015, 02:21:16 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

है लाख बुरे हम
पर दिल सच्चा है
औरोकी तरह नहीं हम
जो बाहरसे बनते अच्छा है.
कवी - गणेश साळुंखे.
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