* करम *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, December 06, 2015, 09:41:36 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

माना मुमकिन नहीं असलियत में मिलना
तो कमसे कम ख्वाबोंमे आकर मिलना
ए मेरे सनम अपने महबूब पर
तुम इतना तो करम करना.
कवी - गणेश साळुंखे.
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