कुछ जीने दे ए जिंदगी...!

Started by Rajesh khakre, January 02, 2016, 03:39:48 PM

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Rajesh khakre

कुछ जीने दे ए जिंदगी
मुझे अपने तरीके से
बहुत बोझ है तमन्नाओका
कुछ हल्का होने दे ए जिंदगी

कुछ साँसे होगी बाकी
जो अपनी मर्जीसे ले लूँ मैं
कुछ आस हैँ बाकी
जो पूरी कर सकूँ मैं

मालुम है मुझे
उधार है जिंदगी
सोचता हूँ रोज
किधर है जिंदगी

कुछ ऐसा करना चाहता हूँ
जो नही किया हो किसीने
उम्मीद रखता हूँ कर सकूँगा
सपने लगते है हसीन ये

अपनी अवकात का पता
ओ भी रखता हूँ ध्यान में
क्यों मेरे अरमान फिर भी
उड़ रहे है असमान में

कहा से मुझे आज
इतनी शक्ति मिल रही है
अंधेरे की सर पर
मशालें जल रही हैं

एक डर भी मुझमे
क्यों पलता रहता है
सीने में ये दिल
क्यों जलता रहता है

कुछ मजबुरीयाँ भी होंगी
हमारे नशीब की यहाँ
वरना ऐसे खपा हमसे
अक्सर कोई नही रहा
 
कैसी भी हो हमारी
हालात यहाँ पे
ये सुकून हैं दिल में
कोई परवाह करता है

हे भगवान तु मुझे
मेरी मंजिले दे दे
या फिर मुझे ओ
सपने भी ना दिखा दे
©राजेश खाकरे
Mo.7875438494
rajesh.khakre@gmail.com