* किस्मत और मोहब्बत *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, January 04, 2016, 02:14:51 PM

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कवी-गणेश साळुंखे

किसीकी किस्मत किसीको कितना आजमाती होगी
जान निकल जाए पर आँखें खुली होगी
जहां दिख रही है सभीको मोहब्बत मेरी
क्या वो उसको दिखाई ना देती होगी.
कवी - गणेश साळुंखे.
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