आज वो मिली....

Started by Ankush S. Navghare, Palghar, February 22, 2016, 06:37:10 PM

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Ankush S. Navghare, Palghar

आज वोह मिली...
अजनबी बेगानी सी
मिठीसी मुस्कान लिए
इक लड़की अन्जानी सी
कुछ तो था उसमे
जो मन को भा गया
उसकी इक नजर से
मेरा जहाँ ही खो गया
आज वोह मिली...
इक लड़की दिवनि सी
यूह तो थी अंजान
फिर भी अपनी सी
उसकी इक लव्ज से
यह दिल ही रुक गया
जो था पहेले मेरा
अब किसी और का हो गया
आज वोह मिली...
इक लड़की अप्सरा सी
दिल के समंदर में
इक लहर कोई सयानी सी
उसके इक हंसी ने
मेरी कायनात बदल गयी
गम न रहा कोई
जिंदगी जन्नत हो गयी
आज वोह मिली...
इक लड़की सपने सी
सूखे इस दिल जमीं पे
मानो अम्रित की लहर सी
इतनेमे आँख खुली
सपना टूट गया
आज फिर मिलने का किस्सा
अधुरा ही रह गया..।
अधुरा ही रह गया..।

... अंकुश नवघरे...
दी. १७.०८.२०१३
समय. ०१.५१.१८. सुबह