==* हस पगले तू *==

Started by SHASHIKANT SHANDILE, May 11, 2016, 03:17:41 PM

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SHASHIKANT SHANDILE

हस पगले तू हँसले थोडा
सारी उमर है तुझको रोना
ये जीवन का कड़वा सच है
क्या पाना था क्या है खोना

जो सोचेगा होगा कभी ना
जीवन सपनो सा है खिलौना
मानले तू यही है सच्चाई
थोडा हसना और थोडा रोना

रोकर अपने दिल ही दिल में
राज वो कड़वे सारे दबाना
भूलकर अब ये जीवन तेरा
हसते हुये दिन रात बिताना

जीवन क्या है एक छलावा
भावनाओंके खेल है सारे
किस्मत का हात पकड़ चल
टुटता है जब सपने तेरे

रोना धोना मरते दम तक
तुझको है औरो को हसाना
अपने लिए तो हर कोई जीता
औरो के लिए है तुझको जीना
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✍शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र. ९९७५९९५४५०
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