* मर जाऊँ *

Started by कवी-गणेश साळुंखे, May 28, 2016, 09:17:48 AM

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कवी-गणेश साळुंखे

ये मुमकिन तो नही सनम
तेरे हाथों से कत्ल हो जाऊँ मैं
पर सिनेसे गर लगाले तु
तो में खुशीसे ही मर जाऊँ.
कवी - गणेश साळुंखे.
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